Friday 7 July 2017


स्वभावो नोपदेशेन, शक्यते कर्तुमन्यथा।
सुतप्तमपि पानीयं, पुनर्गच्छति शीतताम्॥

उपदेश देकर किसी के स्वभाव को बदला नहीं जा सकता, पानी को कितना भी गरम करो, कुछ समय बाद वह फिर से ठंडा हो ही जाता है।

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