दाता दरिद्रो कृपणो धनाढ्यः
पापी चिरायुः सुकृति र्गतायुः ।
कुले च दास्यं अकुले च राज्यं
कलौ युगे षड्गुणमावहन्ति ॥
कलियुग में सब विपरीत होता है; दाता गरीब, और लोभी धनिक होता है; पापी दीर्घायु और सत्पुरुष अल्पायु होते हैं; कुलीन इन्सान दास होता है और अकुलीन राज्य करता है !
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