Sunday 24 September 2017

जन्मना ब्राह्मणो ज्ञेयः संस्कारैर्द्विज उच्यते।
विद्यया याति विप्रत्वं त्रिभिः श्रोत्रिय उच्यते॥
      (अत्रिसंहिता, श्लोक १४०)
       ब्राह्मणकुल में उत्पन्न हाेने वाला जन्म से ही ''ब्राह्मण'' कहलाता है, उपनयन संस्कार हाे जाने पर ''द्विजश्रेष्ठ'' कहलाता है। विद्या प्राप्त कर लेने पर ''विप्र'' कहलाता है, इन तीनाें नामाें से युक्त हुआ ब्राह्मण 'श्राेत्रिय' कहा जाता है।।

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