Monday 29 May 2017

सुविचार

अष्टादश पुराणेषु व्यासस्य वचनद्वयं।
परोपकारः पुण्याय पापाय परपीडनं।
भगवान वेदव्यासजी ने १८ पुराणोंका सार दो वाक्योमें बताया है , १ दूसरोंकी सहायता करना (परोपकार) पुण्य के लिये और दूसरोंको परेशान  करना पाप के लिए है ( पाप ही है )

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