Sunday 28 May 2017

विद्या

विद्या शस्त्रस्य शास्त्रस्य द्वे विद्ये प्रतिपत्तये।
आद्या हास्याय वृद्धत्वे द्वितीयाद्रियते सदा।
विद्या दो प्रकारकी है १ शस्त्र और २ शास्त्र।  शस्त्र विद्या बुढ़ापे में हास्यास्पद बनती है पर शास्त्र विद्या सर्वदा सन्मान पाती है।  अतः शास्त्रका पठान करो।

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