अक्रोधेन जयेत् क्रोधमसाधुं साधुना जयेत् |
जयेत् कदर्यं दानेन जयेत् सत्येन चानृतम् ||
Anger is won over with calmness (without anger); the immoral are won with morale; a miser is won by giving; lies are won over with truth._
क्रोध पर विजय (प्रतिकार स्वरूप )क्रोध न कर के ही ही प्राप्त हो सकती है ,तथा दुष्टता पर विजय सौम्य स्वाभाव तथा सद्व्यवहार द्वारा ही होती है | कंजूसी की प्रवृत्ति पर विजय दान देने से हे सम्भव होती है और झूठ बोलने के प्रवृत्ति पर सत्यवादिता से ही विजय प्राप्त होती हैं |
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Wednesday, 14 June 2017
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