Wednesday 14 June 2017


मात्रा समं नास्ति शरीरपोषणं चिन्तासमं नास्ति शरीरशोषणं।
मित्रं विना नास्ति शरीर तोषणं विद्यां विना नास्ति शरीरभूषणं॥
_Nothing nourishes body like balanced life. Nothing sucks body like anxiety. Nothing pleases body like friend. There is no ornament for body like knowledge._
संतुलित जीवन के समान शरीर का पोषण करने वाला दूसरा नहीं है, चिंता के समान शरीर को सुखाने वाला दूसरा नहीं है, मित्र के समान शरीर को आनंद देने वाला दूसरा नहीं है और विद्या के समान शरीर का दूसरा कोई आभूषण नहीं है ।

No comments:

Post a Comment