अन्धं तमः प्रविशन्ति येऽविद्यामुपासते ।
ततो भूय इव ते तमो य उ विद्यायां रताः।।
जो मनुष्य अविद्या की उपासना करते हैं वे अज्ञान रूप घोर अंधकार में प्रवेश करते हैं,पर जो मनुष्य विद्या में रत है अर्थात् ज्ञानके मिथ्याभिमान में मत्त हैं वे उससे भी मानो अधिकतर अंधकार में प्रवेश करते हैं।
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