अग्निना सिच्यमानोऽपि वृक्षो वृद्धिं न चाप्नुयात् । तथा सत्यं विना धर्मः पुष्टिं नायाति कर्हिचित् ॥
अग्नि से सींचे हुए वृक्ष की वृद्धि नहीं होती, वैसे सत्य के बिना धर्म पुष्ट नहीं होता !
No comments:
Post a Comment