Thursday 17 August 2017

नास्ति धेनुसमं दुग्धम्
नास्ति गंगासमं जलम्।
नास्ति गीतासमं ज्ञानम्
न भाषा संस्कृतं समा।।

गाय के समान शुद्ध दूध नहीं है, गंगा के समान शुद्ध जल नहीं है, गीता के समान शुद्ध ज्ञान नहीं है तथा संस्कृत के समान शुद्ध भाषा नहीं है।                                          

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