प्रत्युत्थानम् च युद्धं च
संविभागम् च बन्धुषु।
स्वयमाक्रम्य भुक्तं च
शिक्षेच्चत्वारि कुक्कुटात्।।
योग्य समय पर उठ जाना। युध्द के लिए सज्ज रहना। परिवार के साथ मिल-बाट कर खाना और स्वयं ही पराक्रम कर के उपभोग करना यह चार गुण कुक्कुट (मुर्गे) से शिखने है।
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