Thursday 7 December 2017

बोधितोऽपि बहु सूक्तिविस्तरैः
किं खलो जगति सज्जनो भवेत् ।
स्नापितोऽपि बहुशो नदीजलै-
र्गर्दभः किमु हयो भवेत् क्वचित् ॥

अच्छे वचनों के उपदेश देने से क्या इस दुनिया में दुष्ट मानव सज्जन हो जायेंगे ? नदी के पानी से बार बार स्नान कराने के बावजुद क्या गधा कभी घोडा बन पायेगा ?

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