केषां न स्यादभिमतफला प्रार्थना ह्युत्तमेषु ।।
उत्तम जनों से की हुई प्रार्थना किसकी सफल नहीं होती । अर्थात् सज्जनो से प्रार्थना करने के बाद कोई भी हताश नहीं होता ।
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