Friday 27 October 2017

सद्भिः पुरस्तादभिपूजितः स्यात्
सद्भिस्तथा पृष्ठतो रक्षितः स्यात्।
सदासतामतिवादांस्तितिक्षेत्
सतां वृत्तं चाददीतार्यवृत्तःll

व्यक्ति के कर्म ऐसे होने चाहिए कि सज्जन लोग उसके समक्ष तो सम्मान व्यक्त करें ही, परोक्ष में भी उनकी यह धारणाएं सुरक्षित रहें। दुष्ट प्रकृति के लोगों की गलत बातें सह ले और सदैव श्रेष्ठ लोगों के सदाचरण में स्वयं संलग्न रहे।

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